रमज़ान में अफ्तार की खरीदारी से गुलज़ार होते बाज़ार

बाज़ारो में हिन्दू और मुस्लिम दुकानदार मिलकर अपने दूकानों पर ग्राहकों की ज़रूरतों का ध्यान रखते हैं

दैनिक कांति 24 न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट आज़मगढ़

आज़मगढ़ फूलपुर- रमजान का पवित्र महीना इबादत, संयम और दान-पुण्य का प्रतीक है। इस महीने में रोजेदार दिनभर रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं और सूर्यास्त के समय अफ्तार कर रोजा खोलते हैं। अफ्तार की तैयारी के लिए दोपहर के बाद बाजारों में चहल-पहल बढ़ जाती है। खासकर तीन बजे से पाँच बजे तक बाजारों में अफ्तार की खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। इस दौरान फल, सब्जी, मिठाई, और नमकीन की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी जाती है।

अफ्तार के लिए जरूरी सामानों की जमकर खरीदारी

रोजा खोलने के लिए जरूरी चीजों की खरीदारी को लेकर बाजारों में काफी उत्साह देखा जाता है। तरबूज, संतरा, नींबू, खजूर, चने की घुघनी, समोसे, पकोड़ी और जलेबी की सबसे अधिक मांग रहती है। रोजेदार अपनी पसंद के अनुसार विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खरीदते हैं, ताकि इफ्तार के समय पोषणयुक्त और ऊर्जा देने वाले पदार्थ ग्रहण कर सकें।

ज्यादातर मिठाई की दुकानों पर विशेष रूप से जलेबी बनाई जाती है, जिसे रोजेदारों के साथ-साथ अन्य लोग भी बड़े चाव से खरीदते हैं। दुकानदारों का कहना है कि रमजान के दौरान उनकी बिक्री में कई गुना इजाफा हो जाता है।

हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल बनते बाजार

रमजान सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए भाईचारे और सौहार्द का संदेश भी लाता है। बाजारों में हिंदू और मुस्लिम दुकानदार मिलकर अपनी दुकानों पर ग्राहकों की जरूरतों का ध्यान रखते हैं। कई हिंदू व्यापारी भी इस दौरान रोजेदारों के लिए विशेष खाद्य सामग्री की बिक्री करते हैं, ताकि अफ्तार की तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न रहे।

बाजारों में बढ़ती रौनक और कारोबार में उछाल

रमजान के दौरान न केवल खाद्य पदार्थों की बिक्री बढ़ती है, बल्कि कपड़ों, इत्र, टोपी, और सजावट के सामानों की भी जमकर खरीदारी होती है। छोटे-बड़े दुकानदारों को इस महीने में अच्छा लाभ होता है। शाम छह बजे के बाद एक बार फिर बाजारों में सन्नाटा छा जाता है, क्योंकि सभी रोजेदार अपने घरों में अफ्तार करने में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन रात में आठ बजे से फिर बाजारों में चहल-पहल लौट आती है, जो देर रात तक बनी रहती है।

रात 11 बजे तक बाजारों में रौनक रहती है, जहां लोग न सिर्फ खाने-पीने की चीजें खरीदते हैं, बल्कि कपड़ों और अन्य घरेलू सामानों की खरीदारी भी करते हैं।

रमजान का व्यापार पर सकारात्मक प्रभाव

रमजान न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि व्यापार के दृष्टिकोण से भी बेहद लाभदायक होता है। इस दौरान फल, मिठाइयों, नमकीन, और अन्य खान-पान की चीजों की मांग बढ़ जाती है। व्यापारी इस अवसर का पूरा लाभ उठाते हैं और ग्राहकों को उचित दामों पर अच्छी गुणवत्ता वाला सामान उपलब्ध कराते हैं।

इस प्रकार, रमजान न केवल इबादत और संयम का महीना है, बल्कि यह बाजारों में रौनक बढ़ाने और व्यापारियों के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक साबित होता है।

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