दैनिक कांति 24 न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट आज़मगढ़
आज़मगढ़ फूलपुर- तहसील क्षेत्र के मुस्तफाबाद गांव में स्थित उप संभागीय कृषि प्रसार केंद्र, जो कभी किसानों को नई तकनीकी खेती और मृदा परीक्षण की जानकारी देने में सहायक था, आज बदहाली की स्थिति में है। यह केंद्र, जिसकी स्थापना 80 के दशक में हुई थी, अपने उद्देश्यों से भटक गया है और अब किसानों के लिए उपयोगी नहीं रह गया है। इस विशालकाय भवन में कार्यालय, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, गोदाम, और आवासीय सुविधा जैसे ढांचों का निर्माण लाखों रुपये की लागत से किया गया था।
90 के दशक तक यह केंद्र किसानों के लिए लाभकारी साबित हुआ, परन्तु वर्तमान में इसके दरवाजे हमेशा बंद ही नजर आते हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि यहाँ अब कोई विभागीय अधिकारी नहीं दिखता, और समय के साथ भवन की हालत भी जर्जर हो चुकी है। खिड़की-दरवाजे टूट चुके हैं और वहां चोरी की घटनाएं भी हो चुकी हैं, जिससे यह स्थान बर्बाद नजर आता है।
केंद्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और तकनीकी खेती के बारे में उन्हें प्रशिक्षित करना था। परन्तु आज स्थिति यह है कि किसान इस केंद्र को भूलने लगे हैं। क्षेत्र के प्रमुख किसानों का कहना है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी यहाँ दिखाई नहीं देता।
इस विषय पर जब कृषि उपनिदेशक मुकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मृदा परीक्षण का कार्य अब कोटवा फार्म स्थित कृषि केंद्र पर होता है। क्षेत्रीय कृषि कर्मचारी गाँवों से मिट्टी के नमूने लाकर परीक्षण कराते हैं और बाद में जांच रिपोर्ट किसानों को उपलब्ध कराते हैं।
किसानों की अपील:
स्थानीय किसानों का कहना है कि यह केंद्र उनके लिए एक समय सहारा था और वे चाहते हैं कि इसे पुनः सक्रिय किया जाए। कौन बनेगा इसका सहारा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, परन्तु किसानों को उम्मीद है कि उनके इस पुकार का समाधान जल्द निकलेगा।